युवा कौन ?

क्या वह जो दिनो-औ-रात 
इस भौतिकता में लिप्त है ?
या वह जो समाज में मात्र 
एक आंकड़ा बन कर तृप्त है ?

क्या वह जो सौंदर्य का 
विज्ञापन लिए साथ है ?
या वह जो सम्मान पाने 
फैलाए खड़ा हाथ है ?

क्या वह जो आक्रोश की 
सड़कों पर आग लगाए है ?
या वह जो हर सिंहासन को 
जीहुजूरी का राग लगाए है ?

                    कि या फिर कोई और है वह ...
                    जो एक नई राह बनाता है ,
                    रोमांच इस असीम कायनात का 
                    जिसकी आंखों में समाता है ।

                    निर्णय जिसका परिस्थिति नहीं 
                    अंतःकरण बताता है ,
                    जो एक सच्चाई मात्र के लिए
                    अपना सर्वस्व लगाता है ।

                    जो इस स्वराज की ज्वाला लिए
                    स्वतंत्र एक कदम उठाता है ,
                    फिर चाहे जो भी उम्र रहे
                    उस रोज वह युवा हो जाता है ।

Comments

  1. वास्तविकता में युवा कोई उम्र का पड़ाव नहीं , मानसिक अवस्था है, जो भी उस अवस्था मे रहता है वो युवा है , शानदार

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